कभी तू जिंदगी बन मुस्करा कर कुछ कहती रहीमैं बिना सुने दर्द की तरह घसीटता रहा कभी तू जिंदगी बन मुस्करा कर कुछ कहती रहीमैं बिना सुने दर्द की तरह घसीटता रहा
एक अनकही... एक अनकही...
वो परछाई शायद तुम रही होगी तुम अब नहीं हो उस रात मेरे कदमों की आहट से सहम गई होगी शायद........ वो परछाई शायद तुम रही होगी तुम अब नहीं हो उस रात मेरे कदमों की आहट से सहम ...
भीड़ में अकेला भटकने लगा है दिल साथ तो है पर खोया है कही और दिल क्यूँ जो कहना है नहीं कह पाता ह... भीड़ में अकेला भटकने लगा है दिल साथ तो है पर खोया है कही और दिल क्यूँ जो कहन...
सच्चाई रखकर दिल में कुछ बात करो खुलकर सच्चाई रखकर दिल में कुछ बात करो खुलकर
उनकी पलकों में मैंने कुछ शरारत पाया था क्या यही प्यार है ? उनकी पलकों में मैंने कुछ शरारत पाया था क्या यही प्यार है ?